बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ  ने  लगा दी राहतो की झड़ी : नरेंद्र सलूजा


अतिवृष्टि व बाढ़ पर राजनीति करने वाली भाजपा देख ले कमलनाथ सरकार की नीति व नीयत

भोपाल, 23 सितंबर 2019
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा कि प्रदेश में हुई अतिवृष्टि व बाढ़ पर, राहत में हाथ बंटाने की बजाय, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह व भाजपा निरंतर नौटंकी कर रहे थे, लगातार कमलनाथ सरकार को कोसने का काम कर रहे थे, प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने की बजाय उन्हें भड़काने का काम कर रहे थे।मुख्यमंत्री की अपील के बाद भी संकट कि इस घड़ी में प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान करने की बजाय, राजनीतिक रोटी सेक रहे थे।
वह शिवराज जी व भाजपा यह देख ले कि आज मुख्यमंत्री कमलनाथ जी के मंदसौर-नीमच दौरे के बाद सरकार की नीति व नियत स्पष्ट हो गई है। मुख्यमंत्री ने इन इलाकों में प्रभावित परिवारों के लिए राहतों की झड़ी लगा दी है।
सलूजा ने बताया कि आज तक के इतिहास में कभी भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए इतनी तत्परता से ना राहत के काम हुए हैं और ना राहतों की घोषणा हुई है। भाजपा सरकार में बेमौसम बरसात व ओला के समय तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह अपनी जिम्मेदारी से भाग, पूरे मंत्री मंडल को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ राहत पेकेज को लेकर धरने पर बैठ गए थे।
मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने आज जिस प्रकार से मंदसौर व नीमच के दौरे में स्पष्ट किया है कि हमने प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए केंद्र सरकार से सहायता राशि की मांग की है लेकिन सहायता मिले या ना मिले राज्य सरकार आपकी सहायता के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी। चाहे महत्वपूर्ण कार्य के बजट में कटौती क्यों न करनी पड़े। प्रभावित किसानों को 8000/- रू. प्रति हेक्टेयर से लेकर 30,000/- रू प्रति हेक्टर तक प्रावधान के अनुसार मुआवजे की घोषणा करते हुए प्रशासन के अधिकारियों को उन्होंने निर्देश दिए कि सभी प्रभावित किसानों के खाते में 15 अक्टूबर तक यह राशि पहुंच जाना चाहिए।
प्रत्येक बाढ़ पीड़ित परिवार को तत्काल 50-50 किलो अनाज उपलब्ध कराने के भी उन्होंने निर्देश दिए हैं।साथ ही अगले 6 माह तक पीड़ित परिवार के प्रत्येक सदस्य के लिए प्रतिमाह 5 किलो खाद्यान्न उपलब्ध कराने के भी उन्होंने निर्देश दिए हैं। क्षतिग्रस्त मकानों के लिए प्रति मकान एक लाख रुपये की सहायता देने के भी निर्देश उन्होंने दिए हैं और जो लोग बेघर हो गए हैं, जिनके मकान पूरी तरह नष्ट हो गए हैं, उन्हें मुख्यमंत्री आवास योजना में शामिल कर, मकान बनाने के लिए डेढ़ लाख रुपए तक की राशि सरकार की ओर से देने की भी उन्होंने घोषणा की है।
 वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने पशुओं की मृत्यु पर 3 हजार से लेकर 30 हजार तक की राशि देने के भी उन्होंने निर्देश दिये है। बाढ़ प्रभावित मंदसौर व नीमच इलाके में सरकारी एवं ग्रामीण बैंक के 2 लाख तक के फसल कर्ज अगले 15 अक्टूबर तक माफ करने के भी मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं। फसल बीमा को लेकर शीघ्र मुआवजा क्लेम की कार्रवाई सुनिश्चित कराने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं। रबी की फसल के लिये उच्च गुणवत्ता वाले बीज किसान भाइयों को सरकार उपलब्ध कराएगी।
बाढ़ की विपदा को देखते हुए बिजली बिलों के संबंध में भी राहत देने का मुख्यमंत्री ने फैसला लिया है।नया सवेरा योजना की पात्रता में आने वाले परिवारों के 3 माह के बिजली के बिल की प्रतिपूर्ति सरकार करेगी व इस योजना की पात्रता में नहीं आने वाले प्रभावित परिवारों की विद्युत बिल की प्रति परिवार 1 हजार की राशि भी सरकार उनके खाते में पहुंचाएगी। बारिश में खराब हुई सड़कों और पुलों की भी शीघ्र मरम्मत करने के मुख्यमंत्री ने निर्देश इस दौरे पर दिये है। मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने प्रभावित परिवारों के लिये आज राहतों की झड़ी लगा दी है।वही भाजपा इस मामले पर सिर्फ राजनीति करती रही। यह कांग्रेस और भाजपा में अंतर है।


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