इंदौर की बेटी ने रायपुर में जीता मिसेज इंडिया सेंट्रल का ख़िताब
- मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ के प्रतिभागियों ने लिया था भाग |
- चेन्नई ने आयोजित सुपर क्लासिक में तीसरा स्थान प्राप्त किया
इंदौर | इंसान यदि मन में ठान ले तो मुश्किल से मुश्किल चुनौतियों का सामना कर सकता है , ऐसी अनेक चुनौतियां मुझे आगे बढ़ने में घर की सहमति से मिली। जब मेरी जवाबदारी जैसे बच्चों की पढ़ाई,सासु जी की जवाबदारी समाप्त होने के बाद यह बीड़ा मैंने 2005 से संभाला और आज मैं इस मुकाम पर पहुंच गई हूं ।मैं रायपुर में आयोजित मिसेज इंडिया सेंट्रल की विनर रही हूं और चेन्नई में मैंने 16 सितंबर 2019 की सुपर क्लासिक में तीसरा स्थान प्राप्त किया। जहां 65 प्रतिभागी थे ,यह एक ऑल इंडिया स्पर्धा थी। जिसमें देश भर से लोग आए थे। मिसेज इंडिया चेन्नई नेशनल में कई राउंड होते हैं जैसे टैलेंट राउंड, डांस, गाना, जिम, स्विमिंग, रेड कारपेट राउंड,ओडीसी डांस, कॉर्पोरेट राउंड, मार्शल आर्ट। यह सब राउंड सुबह 6:00 बजे से रात्रि 2:00 बजे तक चलते रहते हैं। हर किसी को अनेक शौक होते हैं। जो समय आने पर ही पूरे होते है। हमेशा टीवी में मिस फेमिना या मिस इंडिया को देखकर मन में चंचलता रहती थी, कि यहां तक कैसे पहुंचा जाए यही सोचते सोचते समय निकल गया और अंत में यह रास्ता मिल ही गया ।मैं धन्यवाद देना चाहती हूं, हमारी रीजनल डायरेक्टर पूर्णिमा जी एवं डायरेक्टर दीपाली जी जिन्होंने मार्गदर्शक बनकर मुझे तीसरे स्थान तक पहुंचाया । 2005 से जुड़े होने से समय-समय पर अपना पूरा सहयोग दिया। जैसे व्रद्ध आश्रम, स्पेशल चाइल्ड, प्लांटेशन ,गौशाला, स्मार्ट सिटी, जरूरतमंदों को साइकिल, गायन नृत्य आदि। विनर बनने के लिए मेरा अपना फिटनेस पर ध्यान देना जिसमे डाइट कंट्रोल और संतुलित आहार प्रमुख था। तीसरा स्थान प्राप्त करने के बाद अब मैं मिस एशिया के लिए पार्टिसिपेट करूंगी। इस प्रतियोगिता में मुझे जो अधिक अच्छा लगा वह था टेक्सटाइल रिसाइकल राउंड अर्थात अपने पुराने कपड़ों को नया रूप देकर उसे पहनना इसमें मैंने अपनी सासू मां की 55 साल पुरानी साड़ी एवं बच्चों को जो स्कूल में कपड़े मंगाए थे ,उसे तिरंगा का रूप देकर भारत माता का रोल अदा किया। इन सब की प्राप्ति के लिए योग्यता का होना नितांत आवश्यक है ।मैं हर उम्र की महिला से यही कहना चाहूंगी कि अपने टैलेंट को छुपाना नहीं चाहिए ।हम सब में कोई ना कोई हुनर छुपा है उसने को जगाएं इससे हम देखेंगे कि हमारा कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ता है और रूप में निखार अपने आप आने लगता है इसके लिए पूरी मेहनत और लगन की जरूरत है अपने धेय की प्राप्ति के लिए उत्सुकता एवं द्रढ़ संकल्प से प्रयत्न करते रहें तो हमें मार्ग में सफलता मिलना निश्चित हैं। मेरा यही धेयय है कि जरूरतमंदों को आगे बढ़ाया जाए। उन्हें मार्गदर्शन दिया जाए। स्पेशल चाइल्ड की कला देखते ही बनती है, फिर भी समय-समय पर उनका सहयोग करना ,वृद्ध आश्रम में त्यौहार जन्मदिनम मनाना। श्रद्ध में पूजनीय समझ उन्हें भोजन कराना मुझे बहुत पसंद है ।